आज तार तार से वाक़िफ हूं कल जार जार को तरसा था। आज तार तार से वाक़िफ हूं कल जार जार को तरसा था।
गुजिया ख़ाके गुलाल फेंक के नव युवा पीढ़ी स्वप्नों में चले। गुजिया ख़ाके गुलाल फेंक के नव युवा पीढ़ी स्वप्नों में चले।
विश्वास और प्रेम की युगलबंदी... विश्वास और प्रेम की युगलबंदी...
और वो ही बन गया दुश्मन यहाँ मेरा मगर देखिए आज़म करी जिसकी नवाजिश है बहुत। और वो ही बन गया दुश्मन यहाँ मेरा मगर देखिए आज़म करी जिसकी नवाजिश है बहुत।
हम बच्चों को है याद आता, हमारा प्यारा-प्यारा सा स्कूल। हम बच्चों को है याद आता, हमारा प्यारा-प्यारा सा स्कूल।
संवेदनाओं भरा दिल संवेदनाओं भरा दिल